राजस्थान में एक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेताओं के बीच “फोन पर हुई बातचीत के लीक होने के आठ माह बाद एक बार फिर राज्य में नया सियासी संकट पैदा हो गया है और अवैध तरीके से फोन टैप किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। दरअसल राज्य सरकार ने आखिरकार आठ महीनों बाद इस बात को स्वीकार किया है कि उनकी सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता का फोन टैप किया गया था।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जुलाई में राजस्थान में एक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता के बीच फोन पर हुई वार्ता का ऑडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद जमकर विवाद हुआ था। भाजपा और बसपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर गैरकानूनी तरीके से फोन टैप करने के आरोप लगाये थे। जिसके बाद अब जाकर सीएम अशोक गहलोत की सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि फोन वास्तव में इंटरसेप्ट किए गए थे। बता दें कि फोन इंटरसेप्टेड का मतलब होता है दो लोगों की वार्ता को कोई तीसरा भी सुन सकता है।
बता दें कि गत वर्ष फोन टैपिंग का मुद्दा सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच गरमाया था। इस दौरान अशोक गहलोत द्वारा आरोप लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश में है।