शारदा चिटफंड घोटाले की आरोपी देबयानी मुखर्जी को शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। उन्हें इस घोटाले से संबंधित हर मामले में जमानत दे दी गई है। इस घोटाले में देबयानी मुखर्जी को शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के साथ सह आरोपी बनाया गया था। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद भी देबयानी अभी जेल से रिहा नहीं हो पाएंगी।
इसलिए क्योंकि उनके खिलाफ इस घोटाले से संबंधित कई मामले झारखंड और ओड़िशा में भी दर्ज हैं और उन मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिली है। इस लिए उन्हें अभी अलीपुर के महिला सुधार गृह में ही रखा जाएगा। शारदा कंपनी के प्रमोटर सुदीप्त सेन और देबयानी मुखर्जी को 2013 में कश्मीर के सोनमर्ग से अरेस्ट किया गया था। शारदा कंपनी ने बंगाल में कई पोंजी स्कीम्स चलाई थीं, जिसमें कथित रूप से लाखों लोगों के साथ फ्रॉड किया गया। वर्ष 2013 में जब पर्दाफाश हुआ तो लोगों के हजारों-करोड़ों रुपये डूब गए थे।
शारदा चिटफंड घोटाले की जांच CBI कर रही है। गत वर्ष दिसंबर में इस घोटाले के तार सीएम रिलीफ फंड से भी संबंधित होने का दावा किया था। CBI ने दावा किया था कि सीएम रिलीफ फंड से करीब 6।21 करोड़ तारा टीवी को दिए गए थे, जो शारदा ग्रुप की ही एक कंपनी है। इन पैसों का उपयोग कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया गया था। CBI ने इस पूरे घोटाले में बड़े लोगों के नाम शामिल होने का दावा किया है।