वर्ष 2010 में बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय द्वारा अभिनीत फिल्म गुजारिश रिलीज हुई थी। इस फिल्म में ऋतिक एक आर्टिस्ट के किरदार में थे, जो अपनी गंभीर बीमारी के कारण जीने की उम्मीदें छोड़ चुके हैं और मरना चाहते हैं। मनचाही मौत की इस प्रक्रिया को यूथेनेशिया (euthanasia) भी कहा जाता है। अब लोगों को ऐसी ही गरिमापूर्ण मौत देने के कॉन्सेप्ट के कारण डॉक्टर फिलीप निश्के सुर्ख़ियों में हैं। दरअसल, डॉ फिलीप ने कुछ वर्ष पूर्व एमस्टर्डम के फ्युनरल फेयर में एक डेथ मशीन को पेश किया था, किन्तु अब इस मशीन में एक विशेष फीचर भी जुड़ गया है। ये मशीन पहले केवल उन लोगों के लिए थी जो मरना चाहते हैं, किन्तु इस वर्चुएल तकनीक से लोग अब अपनी मौत को देख सकते हैं।
दरअसल वर्चुएल रियैलिटी के माध्यम से मरने से पहले ही अपनी खुद की मौत को इस मशीन के सहारे देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्चुएल रियैलिटी एक ऐसी कंप्यूटर तकनीक है जिसके सहारे एक कृत्रिम वातावरण को तैयार किया जाता है। इस तकनीक में शरीर के अहम सेंसेज को प्रभावित कर एक बेहद रियल वातावरण को तैयार करने का प्रयास किया जाता है। उल्लेखनीय है कि 90 के दशक में इस डॉक्टर ने अपने चार ऐसे मरीजों को इंजेक्शन दिया था, जिनकी बीमारी कभी सही नहीं हो सकती थी। ये लोग जिंदगी से संघर्ष करके थक चुके थे और इनके बचने की कोई संभावना नहीं थी। डॉ फिलीप ने कानून के अनुसार, इन चारों मरीजों को मौत दी थी। इसके बाद से ही उनके दिमाग में यह आइडिया आया था।
डॉक्टर फिलीप का मानना है कि चूंकि जिंदगी और मौत एक बार ही मिलती है, तो क्यों ना गरिमापूर्ण तरीके से इस संसार को छोड़कर जाया जाए। इसके बाद ही डॉक्टर फिलीप ने सारको नाम की मशीन पर काम करना आरंभ किया था। सारको वेबसाइट के अनुसार, जब भी कोई व्यक्ति इस मशीन में बैठता है, तो ऑक्सीजन की मात्रा तेजी से घटने लगती है, वही कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा भी कम, किन्तु स्थाई रहती है और इसे कई मायनों में दर्दरहित खुशी से भरी मौत भी कहा गया है।