ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए शासन करना सरल नहीं होगा। पार्टी के लिए उसी की सहयोगी पार्टी शिवसेना मुश्किल खड़ी करने वाली है। हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की शक्ति बढ़ी है और वो अब सहयोगी भाजपा के साथ बड़े स्तर पर मोलभाव करने के मूड में नज़र आ रही है। 24 अक्टूबर को आए परिणामों में शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुईं हैं।
105 सीटों पर मिली भाजपा को जीत
वहीं भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली है। दोनों दलों में गठबंधन है। साथ मिलकर दोनों दल आराम से सरकार बना सकते हैं। वहीं शिवसेना को समझ आ चुका है कि इस बार भाजपा बगैर उसकी सहायता के बहुमत साबित नहीं कर सकेगी और इसी कारण पार्टी ने नतीजे आने के ठीक बाद ही स्पष्ट कर दिया था कि इस बार वो मुख्यमंत्री का पद चाहते हैं। वहीं नतीजे आने के बाद किए गए प्रेस वार्ता में शिवसेना प्रमुख और आदित्य ठाकरे के पिता ने प्रेस वालों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि हम फ़िफ़्टी-फ़िफ़्टी फ़ार्मूले पर आगे बढ़ेंगे।
सीएम के पद पर कोई बात नहीं होगी
जब उनसे एक संवाददाता ने पूछा कि क्या आदित्य ठाकरे सीएम बनेंगे तो उन्होंने कहा कि, आपके मुंह में घी-शक्कर दूसरी ओर भाजपा ने बार-बार स्पष्ट किया है कि सीएम के पद पर कोई बात नहीं होगी। अगर शिवसेना चाहे तो आदित्य को डिप्टी CM बना सकती है। किन्तु ये बात चुनाव से पहले हुई थी। अब स्थिती बदल चुकी है और शिवसेना अपनी ताक़त बखूबी जानती है। वहीं नतीजों के अगले ही दिन 25 अक्टूबर को महाराष्ट्र की सड़कों पर पोस्टर लग गए। इन पोस्टर्स में आदित्य ठाकरे को अगले सीएम बनने के लिए बधाई दी गई है।