हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नतीजे आने में अभी समय बाकी है इस बीच बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। रुझानों में बीजेपी भले ही दोनों राज्यों में अपने दम पर सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही हो लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में उसकी सीटें घटती दिख रही हैं। त्रिशंकु विधानसभा के आसार बनते दिख रहे हैं. हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि 75 का दावा करने वाली बीजेपी 35 पर खड़ी है। इसी तरह महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की वापसी जरूर हो रही है लेकिन संजय राउत ने ये कहकर बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है कि नतीजों के बाद सीएम पद के लिए बीजेपी से बात होगी। वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने शिवसेना के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा कि उनके साथ हमारी विचारधारा नहीं मिलती।
हरियाणा में बीजेपी के सात मंत्री पीछे
ध्यान देने वाली बात ये है कि हरियाणा में बीजेपी के सात मंत्री पीछे चल रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला टोहाना से पीछे चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। हरियाणा के रुझानों पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम अपनी बात जनता में ठीक तरीके से नहीं रख पाए। नतीजों के बाद पार्टी में चर्चा करेंगे। चुनाव प्रबंधन में कहीं न कहीं कमी रह गई। चुनाव हवा में नहीं होते, कुछ न कुछ मैनेजमेंट करना होता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनेगी। इस बीच बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के हेडक्वार्टर पहुंच गए हैं और हरियाणा के चुनाव प्रभारी अनिल जैन से चर्चा कर रहे हैं।
बीजेपी 37 और कांग्रेस 33 सीटों पर आगे
हाल के ताज़ा आंकड़ो के हिसाब से मौजूदा रुझानों के मुताबिक बीजेपी 37 और कांग्रेस 33 सीटों पर आगे है। जेजेपी 10, इनेलो 2 और अन्य 9 सीटों पर आगे हैं। इस तरह त्रिशुंक विधानसभा के आसार दिखते ही राज्य में दांवपेंच का खेल शुरू हो गया है। रुझानों के मुताबिक दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी किंगमेकर बनकर उभरी है। बदलते सियासी समीकरणों के बीच कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेजेपी से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक त्रिशंकु विधानसभा होने पर कल जेजेपी अपने विधायकों से मंत्रणा करेगी। कल विधायकों से रायशुमारी कराई जा सकती है। विधायक दल की बैठक में तय होगा कि किसके साथ जाना है। इस बीच दुष्यंत चौटाला ने इन रुझानों के बीच दावा करते हुए कहा भी है कि मेरे पास सत्ता की चाबी है।