आज दिल्ली के प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता में भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्यकांत केलकर जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रक्षा मंच पिछले सात वर्षों से अलग-अलग प्रांतों की 30 ब्रांचों के माध्यम से देशहित के काम कर रही है, जिसका काम देश हित में हुए कार्यों में सरकार का सहयोग करना और लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत करना है ၊ वर्तमान समय में देश के अंदर जो एनआरसी और सीए का विरोध हो रहा है इसको लेकर सूर्यकांत केलकर जी ने कहा कि यह केवल राजनीति से प्रेरित विपक्षी दलों का एक गहरा षड्यंत्र है जिससे वह देश को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं और लोगों के अंदर नफरत फैला रहे हैं ,जबकि एनआरसी सन् 1951 में तब के कांग्रेसी प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने आसम में लागू की थी, किंतु मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण उन्होंने कांग्रेस के ही आसाम के मुख्यमंत्री को उस समय मुस्लिमों को खुश करने के लिए हटा दिया था तब से लेकर आज तक तुष्टीकरण के कारण एनआरसी देश में लागू नहीं हो पाई ၊ वर्तमान सरकार में नरेंद्र मोदी सरकार इसको लागू कर रही हैं तब कांग्रेस के लोग इसका विरोध कर रहे हैं ,यह बड़े आश्चर्य की बात है इससे केवल यही प्रतीत होता है कि देश की कांग्रेस पार्टी एवं अन्य विपक्षी दल केवल और केवल देश के मुस्लिमों को खुश करने के लिए सारा आंदोलन करा रही हैं ၊ श्री केलकर जी ने कहा कि आगामी दिनों में हम लोगों को एनआरसी और सीएए के विषय में पूरे देश में कार्यक्रम करके उनके बीच जागरूकता लाएंगे और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी समझाएंगे कि इससे भारत के मुसलमानों का कोई अहित होने वाला नहीं है , वे किसी राजनीति का हिस्सा न बने ၊ केलकर जी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस देश में एक तरफ तो विपक्षी दल धर्मनिरपेक्ष देश की बात करते हैं दूसरी तरफ पिछले 70 सालों से इस देश में रह रहे अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यक होने के कारण अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं दूसरी ओर उनको विशेष धर्म के आधार पर भी अलग से अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं जोकि आश्चर्यजनक है और किसी पंथनिरपेक्ष देश में ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है यह केवल यही दर्शाता है कि इस देश में कांग्रेश कम्युनिस्ट और अन्य विपक्षी दल केवल अपनी वोट की खातिर इस देश के मुसलमानों को भड़काता है और हिंदू मुस्लिम दंगे करा कर एक दूसरे के अंदर नफरत भाव पैदा करने का काम करता है वर्तमान समय में जो भी दंगे हो रहे हैं यह इसका ज्वलंत उदाहरण है
