निर्भया कांड की 7 वी बरसी पर जंतर मंतर पर की विरोध सभा
आप सभी जानते है कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात को एक मेडिकल की छात्रा के साथ हुए वीभत्स बलात्कार व उसकी मौत की घटना को शायद ही कोई भूल सकता है। इस कांड के बाद दिल्ली से चला आंदोलन पुरे देश में निर्भया के नाम से जानती है। दिल्ली में भी यह आंदोलन काफी महीनो तक चला देश के हर हिस्से से बस यही मांग की जा रही थी की अपराधियों को कठोर सजा दी जाय। निर्भया कांड को 7 साल बीत जाने के बाद भी देश में कुछ नहीं बदला या ये कहे कि इस तरह के अपराध और भी अधिक संख्या में हो रहे है और फिर भी इसके खिलाफ अभी तक कोई कठोर कानून नहीं बना है।
16 दिसंबर 2019 को जंतर मंतर से एक बार फिर आवाज उठी है महिलाओ , बच्चो , नशाखोरी के खिलाफ विरोध सभा जिसमे मुख्य रूप से AIMSS ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन और AIDSO ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन शामिल रहे। उनका यही कहना है कि महिलाओ और बच्चो के साथ होने वाले अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है , महिलाओ के साथ बलात्कार करके उन्हें जला कर मारा जा रहा है। 6 ,7 ,12 की बच्चियों के साथ भी बलात्कार की घटनाएं दिल को झकझोर देती है। इस तरह की घटनाओ पर अभी तक किसी भी प्रकार का सख्त कानून नहीं बनाया गया है। हमारे देश में विकास के नारे तो लग रहे है लेकिन मनुष्य किस और जा रहा है इससे किसी का कोई लेना देना नहीं है। कुछ पूंजीवादी और शक्ति शाली लोगो के चलते हमारे देश में इंसाफ की आवाज दबा दी जा रही है क्युकी कई घटनाओ में नेता , वाइट कोलर लोग भी शामिल होते है पकड़े जाने के बाद भी सबूत मिटा दिए जाते है , गवाह ख़रीदे या तो मार दिए जाते है, प्रताड़ित को भी जला कर मार दिया जाता है।
ऐसे समय में समाज के जागरूक व्योक्तियो का यह कर्तव्य बन जाता है कि इस प्रकार की अपराधिक घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाये, ताकि महिलाओं पर हो रहे अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बने और उनका सही तरीके से पालन भी किया जाए। हमें एक सभ्य समाज का निर्माण करना है अपने सस्कारो के जरिये अपनी नई युवा पीढ़ी को विकसित करना है। जिसके हमारा समाज विकास की और तो बढे पर विनाश की और नहीं। यह आवाज हर घर, गली ,मोहल्ले और हर प्रदेश से उठनी चाहिए। ताकि हम सब सफल हो सके इस तरह के अपराधों को रोकने में।
