नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020को टीम आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया का स्वैच्छिक समर्थन.
पुस्तक मेला के दौरान दस आरजेएस सकारात्मक बैठकें होंगी
नई दिल्ली :(आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया रिपोर्ट).
विश्व पुस्तक मेला (NDWBF )का 28 वां संस्करण शनिवार 4 जनवरी, 2020 से दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू होगा जो 12 जनवरी तक चलेगा।
पुस्तकों का प्रोमोशन एक सकारात्मक सोच है । पुस्तकों के प्रति समाज का नजरिया भी सकारात्मक रहे ,इसके लिए अच्छी पुस्तकों की जानकारी भारतीय समाज तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मीडिया की है। इसलिए 25राज्यों की टीम आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया फैमिली पिछले साल की तरह इस साल भी नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला का स्वैच्छिक समर्थन करेगी। आरजेएस फैमिली से जुड़े प्रकाशक अपने स्टाॅल पर सकारात्मक बैठकें भी करेंगे जैसा पिछले साल किए थे।पिछले साल की तरह मेले में द बुक लाईन के स्टाॅल पर जय-जवान जयकिसान के महानायक पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि 11 जनवरी 2020 को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं 5 जनवरी को हाल ही में दिवंगत साहित्यकार डा.गंगाप्रसाद विमल को भी श्रद्धांजलि देकर नई पुस्तकें और पुस्तक व्यवसाय पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए टीम आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया का गठन किया गया है ।आशा है निम्नलिखित सकारात्मक मीडिया संस्थान देशहित में मेले की जानकारी देश-दुनिया तक प्रसारित-प्रकाशित करने में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करेंगे।
टीम आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया में शामिल मीडिया संस्थान हैं-
सांध्य वीर अर्जुन ,जय भारत, संज्ञान न्यूज़ ,गजब समाचार, मीडिया दर्शन ,ओजस न्यूज़, डेली डायरी न्यूज़, दर्पण टाइम्स , सरस भावना. हर बात, जानकारी जंक्शन, ग्रामीण आवाज , द्वारकापरिचय,
नजफगढ़ मेट्रो ,समाचार निर्देश,नजफगढ़ संवाद,
हरियाणा ज्योति,और तेज निगाहें ,नेशनल न्यूज नेटवर्क और सार्थक समाचार आदि.
विश्व पुस्तक मेला में तकरीबन लाखों किताबों को खरीदने और देखने का मौका मिलता है। यही नहीं यहां देश-विदेश की लाखों प्रकाशन की पुस्तक भी एक छत के नीचे मिल जाती हैं। इस पुस्तक मेले का आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी), इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेश और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सह-आयोजकों के रूप में किया जाता है।
इस साल विश्व पुस्तक मेला 2020 का विषय यानि थीम गांधी: द राइटर्स राइटर है। इस थीम का उद्देश्य भारतीय साहित्य और भारत के कुछ प्रमुख लेखकों के साथ-साथ विदेशों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रभाव को उजागर करना है। लेखक, संपादक, पत्रकार, और एक जन संचारक समानता के रूप में भी हमें महात्मा गांधी के पहलुओं पर भी ध्यान देना है।
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पहली बार 1972 में आयोजित किया गया था। पहले ये हर दो साल पर फरवरी महीने में लगाया जाता था। इससे विद्यार्थियों को परीक्षा के नजदीक होने से भागीदारी में समस्या आती थी। लिहाजा कुछ सालों से ये जनवरी के पहले सप्ताह से आयोजित होने लगा है। हर साल इस मेले का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान किया जाता है और इस बार भी यहीं आयोजित किया जा रहा है।ये नई पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
