सरस आजीविका मेला हॉल नंबर–7 (ए,बी,सी)
सरस मेले में “सेल्स कॉम्युनिकेशन एंड साइकोलॉजी ऑफ बायर” विषय पर वर्कशॉप का आयोजन
दिल्ली वालों को लुभा रहा नॉर्थ-ईस्ट के चटपटे अचार व नेचुरल मशाले
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदानके हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में स्थित 41वें विश्व व्यापार मेले में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एन आई आर डी पी आर) द्वारा आयोजित मेले के “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम को साकार कैसे बनाया जाए इसे लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। डॉ. अपर्णाद्विवेदी द्वारा यह वर्कशॉप“सेल्स कॉम्युनिकेशन एंड साइकोलॉजी ऑफ बायर”विषय पर सरस आजीविका मेला में देश भर के 26 राज्यों से आई हुईं 150के करीब एसएचजी दीदीयों को दिया गया। वर्कशॉप के दौरान इन दीदीयों को सेल्स के गूढ़ बातों को समझाया गया व वीडियो के जरिए दिखाया बी गया। वहीं, सरस के सभी स्टॉलों पर आज भी भीड़ दिखाई दिया। सरस मेला में लोगों को लुभा रहा नॉर्थ इस्ट राज्यों के सामान। नार्थ-ईस्ट के मेघालय रिभॉय जिले से आईं रीना नोंगरूम बताती हैं कि उनके स्टॉल नंबर 121 पर विभिन्न प्रकार के अचार (इसमें वेज व नॉनवेज दौनों अचार हैं), नेचुरल मशाले, कैंडी, जैम व जूश समेत स्टिकी राइस दिल्ली वालों को काफी आकर्षित कर रहा है।
इसके साथ ही थकावट के बाद लोगों ने सरस मेले में चल रहे सांस्कृतिक संध्या का लुत्फ उठाकर अपनी थकावट को दूर भगाया। सांस्कृतिक संध्या में लोगों ने मैजिक शो का भी आनंद लिया। मैजिक शो ने बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया।
ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट,कला एवं संस्कृति से सराबोर “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीमकेसाथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2022 का आयोजन प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) मेंकियाजारहाहै। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान(एनआईआरडीपीआर)द्वाराआयोजित इस सरस आजीविका मेला 2022 मेंग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 26 राज्यों के 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।