उन्नाव की रेप पीड़िता ने आज दम तोड़ दिया
बड़े ही दुःख की बात है कि आए दिन बस एक ही तरह की घटना सुनने को मिलती है। भारत का शायद ही कोई कोना रेप की घटनाओ से अछूता होगा, नहीं तो हर तरफ से सिर्फ इंसाफ मांगने की आवाज ही सुनाई पड़ती है, मोमबत्ती जलाई जाती है- धरना दिया जाता है। देश के ठेकेदार बने बैठे लोगो को कब समझ में आएगा की देश विकास की तरफ नहीं विनाश की तरफ बढ़ रहा है। बलात्कार पर क्यों हमारी सरकार कोई ठोस कानून नहीं बना पा रही है (फांसी ) क्यों लागू नहीं कर पा रही है। एक ओर सब देश में महिला सशक्तिकरण की बात करते है तो फिर महिलाओ के साथ इस तरह का अत्याचार क्यों।
क्या हम सब ये समझ ले की हमें सरकार से न्याय की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।
आज देश के लोगो का यही प्रश्न है कि जब अपराध साबित हो जाता है , या अपराध कबूल करने और सबूतों के मिलने पर भी अपराधियों को सजा क्यों नहीं दी जाती क्यों उन्हें पाला जाता है। देश के कानून को बदलने की जरुरत है और साथ ही हमे भी सतर्क होने की जरुरत है कि हमारे आस पास का माहौल किस तरह का है।