उत्तर प्रदेश में लगा नेताओं का मेला सभी जुटे है 2022 चुनाव की तैयारी में
पीएम मोदी ने पहले ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर साफ कर दिया कि वे किसानों को किसी भी सूरत में वोटर के रूप में खोना नहीं चाहते हैं.
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी सियासी जमीन की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सहारनपुर में मां शाकंभरी देवी यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करेंगे. इस दौरान अमित शाह एक चुनावी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. शाह के सहारनपुर पहुंचने से पहले बीजेपी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे पूर्व विधायक जगपाल सिंह को अपने साथ मिला लिया है, जो बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. किसान आंदोलन से पश्चिमी यूपी में बिगड़े सियासी समीकरण को भी शाह अपने दौरे से दुरुस्त करते नजर आएंगे.
बुंदेलखंड की सियासी जमीन से अखिलेश यादव ने खुद कमर कस ली है. सपा प्रमुख दौरे के पहले दिन बुधवार को बांदा और महोबा में बड़ी भीड़ जुटाकर विपक्षी दलों को अपनी ताकत का अहसास कराया तो दूसरे दिन गुरुवार को ललितपुर में विजय रथ पर सवार होकर जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं. बुंदेलखंड का इलाका सियासी तौर पर सपा के लिए काफी अहम है, क्योंकि 2017 में यहां से एक भी सीट नहीं मिली थी. बीजेपी ने सभी 19 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. बीजेपी के इस मजबूत गढ़ में सेंधमारी के लिए अखिलेश यादव पहुंचे हैं.
प्रियंका गांधी अपनी ससुराल मुरादाबाद में पहली बार चुनावी रैली को संबोधित करने उतर रही हैं, जहां से पश्चिमी यूपी को सियासी संदेश देंगी. मुरादाबाद में महिला, युवा और किसानों के लिए बड़ा चुनावी एलान कर सकती हैं. इतना ही नहीं, बुनकरों के मुद्दों को भी प्रियंका गांधी उठा सकती हैं, क्योंकि इस इलाके में बुनकर समाज की बड़ी आबादी है.
सभी दल अपने चुनाव प्रसार में जुट गए है और एक दूसरे की खामियों को और अपनी योजनाओ को जनता के बीच रख रहे है। जिस तरह हर चुनावी माहौल में जनता को नेताओ द्वारा लुभाया जाता है। देखने वाली बात यह है की इस चुनावी दौड़ में किसकी जीत निश्चित होती है।