अयोध्या में राम मंदिर मामले को लेकर 40 दिन की सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 16 अक्टूबर यानी बुधवार को 70 साल पुराने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 6 अगस्त से राम मंदिर मामले में रोजाना सुनवाई शुरू किया था और अब सुनवाई पूरी हो चुकी है।
शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश कर रहे थे पैनल की अध्यक्षता
बता दें कि इससे पहले अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थता पैनल मामले को सुलझाने में पूरी तरह विफल रही थी जिसके बाद रोजाना सुनवाई शुरू किया गया था। इस पैनल की अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश कर रहे थे। ऐसे में अब उम्मीद है कि 17 नवंबर को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई राम मंदिर मामले पर फैसला सुनाएंगे।
सीएम योगी का ऐलान…
अब राम मंदिर मामले पर फैसला आने से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि, राम मंदिर पर जल्द ही फैसला आने वाला है। ऐसे में इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आये। उसको लेकर कोई भी सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए। भड़कीले बयान किसी भी स्तर पर नहीं होने चाहिए। उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए यूपी के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि 1990 से लेकर सन 2018 के बीच आतंकी घटनाओं में लिप्त रहने वाले जो भी व्यक्ति हैं उनका सोशल मीडिया जरूर चेक करें। अगर वे जेल से बाहर है तो उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।